चंद्रपुर,महाराष्ट्र: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में हाल की भारी बारिश ने दो जर्जर दीवारों के ढहने का कारण बनते हुए तीन लोगों की जान लेकर आई। यह घटनाएं अलग-अलग तहसील क्षेत्रों में हुईं और स्थानीय लोगों में चिंता का माहौल बना दिया है।
चंद्रपुर जिले की मूल तहसील में एक दुखद घटना में पति-पत्नी की जान चली गई। वहीं, सिंदेवाही तहसील में एक महिला ने अपनी जान गंवाई। वर्तमान में जिले में रुक-रुक कर भारी बारिश हो रही है। जिससे जर्जर मकानों की दीवारें गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं।
मूल तहसील की घटना
जानकारी के मुताबिक, मूल तहसील में बीते शनिवार को गरज के साथ भारी बारिश हुई। उसी समय, अशोक रघुनाथ मोहुर्ले (60) और उनकी पत्नी लता अशोक मोहुर्ले (55) अपने घर में खाना बना रहे थे। अचानक उनके पड़ोसी के जर्जर घर की दीवार गिर गई। जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
बताया जाता है कि अशोक के पड़ोसी तैयब खान पठान ने वर्षों पहले अपने जर्जर मकान को छोड़ दिया था, लेकिन दीवार को गिराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इस प्रकार पास की दीवार के गिरने से यह दुखद घटना घटित हुई। मृतक की चार बेटियां हैं, जो सभी शादीशुदा हैं। अशोक और लता फिस्कुटी में रहकर अपनी आधा एकड़ जमीन पर खेती करते थे।
सिंदेवाही तहसील की घटना
दूसरी घटना सिंदेवाही तहसील के रत्नापुर में हुई जहां 50 वर्षीय रसिका मसराम अपने आंगन की सफाई कर रही थी। इस दौरान, पास के ध्रूपता मडावी के जर्जर मकान की दीवार रसिका के ऊपर गिर गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तुरंत रसिका को बाहर निकाला। लेकिन गंभीर चोटों की वजह से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। रसिका अपने बेटे के साथ रह रही थीं जबकि उनके पति पहले ही निधन हो चुके थे।
प्रशासन ने क्या लिया एक्शन
इन घटनाओं की जानकारी मिलते ही सिंदेवाही पुलिस और तहसील कार्यालय के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले की गंभीरता को देखते हुए घटनास्थल का पंचनामा बनाया और मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इस प्रकार की घटनाएं न केवल परिवारों को प्रभावित करती हैं, बल्कि समग्र समाज में चिंता और भय का माहौल बनाती हैं।
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि जर्जर भवनों और दीवारों के प्रति सतर्कता बरतना आवश्यक है। प्रशासन को ऐसे भवनों की स्थिति का नियमित परीक्षण करना चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि पुनः किसी की जान न जाए। बारिश के मौसम में सुरक्षा के मामले में अनुशासन को बनाए रखना सभी का कर्तव्य है, ताकि दु:खद घटनाओं को रोका जा सके। चंद्रपुर की इस घटना ने एक बार फिर इस आवश्यकता को उजागर किया है।