Mercedes Name Story: दुनियाभर में अपनी प्रीमियम कारों के लिए मशहूर Mercedes-Benz का नाम न केवल ग्लैमर का प्रतीक है, बल्कि इसके पीछे एक दिलचस्प और इमोशनल कहानी भी है। शायद बहुत से लोग नहीं जानते होंगे कि इस नाम के पीछे एक लड़की और उसके पिता की प्रेरणादायक कहानी है।
डेमलर और बेंज कंपनियों की शुरुआत
Mercedes-Benz का इतिहास दो प्रमुख कंपनियों से शुरू होता है। पहली है डेमलर-मोटरन-गेज़ेलशाफ्ट (Daimler-Motoren-Gesellschaft), जिसे 1890 में गोटलिब डेमलर (Gottlieb Daimler) और विल्हेम मेबैक (Wilhelm Maybach) ने स्थापित किया था। ये दोनों मोटर वाहनों के निर्माण में अग्रणी थे और इंटरनल कम्बश्चन इंजन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।
दूसरी कंपनी, बेंज एंड सी (Benz & Cie.), का गठन 1883 में कार्ल बेंज (Carl Benz) द्वारा किया गया था। उन्होंने दुनिया की पहली पेट्रोल संचालित कार का निर्माण किया, जो कि मोटरिंग के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
एमिल जेलिनेक की भूमिका
इस कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ लाते हैं एमिल जेलिनेक (Emil Jellinek), जो एक ऑस्ट्रियाई-हंगेरियन व्यापारी थे। जेलिनेक को कारों में गहरी रुचि थी और उन्होंने डेमलर की कारों में निवेश किया। 1890 के दशक के अंत में, उन्होंने रेसिंग के लिए इन कारों का उपयोग करना शुरू किया। उनकी दृष्टि थी कि रेसिंग में कारों की सफलता से बिक्री बढ़ सकती है, और वह केवल एक ग्राहक नहीं, बल्कि डेमलर की कारों को बेहतर बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे।
मर्सिडीज का नाम कैसे पड़ा?
एमिल जेलिनेक की बेटी का नाम मर्सिडीज जेलिनेक (Mercedes Jellinek) था। “Mercedes” नाम स्पेनिश भाषा में “कृपा” या “आशीर्वाद” के अर्थ में आता है। जेलिनेक ने अपनी बेटी की प्रेरणादायक कहानी को ध्यान में रखते हुए अपनी रेसिंग कारों का नाम उनके नाम पर रखना शुरू किया।
Mercedes 35 HP का निर्माण
1900 में, जेलिनेक ने डेमलर से एक नई रेसिंग कार का डिजाइन तैयार करने का अनुरोध किया, जिसका नाम उन्होंने अपनी बेटी के नाम पर रखा—Mercedes 35 HP। इस कार का डिज़ाइन और इंजन उस समय की अन्य कारों से कहीं अधिक आधुनिक और शक्तिशाली था, जिससे यह रेसिंग और बाजार दोनों में सफल हो गई।
Mercedes नाम की लोकप्रियता
“Mercedes 35 HP” की रेसिंग में शानदार सफलता के बाद, यह नाम इतना प्रचलित हो गया कि डेमलर ने अपनी सभी कारों को मर्सिडीज नाम से बेचना शुरू कर दिया। 1902 में, डेमलर ने “Mercedes” को आधिकारिक तौर पर अपनी ट्रेडमार्क बना लिया।
Mercedes-Benz का निर्माण
1926 में डेमलर और बेंज कंपनियों का विलय हुआ, और नई कंपनी का नाम Daimler-Benz AG रखा गया। इस नई कंपनी की कारों को Mercedes-Benz ब्रांड नाम से बेचा जाने लगा, जो अब दुनिया भर में लग्जरी और गुणवत्ता का प्रतीक बन चुकी है।
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Mercedes-Benz का नाम एमिल जेलिनेक की बेटी मर्सिडीज के नाम पर रखा गया है। यह नाम पहले रेसिंग कार के रूप में उभरा, लेकिन फिर इसकी सफलता ने इसे पूरी कंपनी का प्रतिष्ठित ब्रांड बना दिया। इस तरह, एक साधारण लड़की का नाम अब वैश्विक स्तर पर एक पहचान बन चुका है, जिसका प्रतीकात्मक महत्व आज भी बरकरार है।