महिलाओं में हीमोग्लोबिन की कमी एक आम समस्या है। यह एक प्रकार का प्रोटीन है, जो हमारे रक्त में पाया जाता है। हीमोग्लोबिन का मुख्य काम ऑक्सीजन को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाना है। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो इससे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
महिलाओं में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर
सर गंगाराम हॉस्पिटल में काम करने वाली डॉ. सोनिया रावत बताती हैं कि महिलाओं के लिए हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर 12 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर के बीच होना चाहिए। अगर ये स्तर 12 ग्राम से कम हो जाता है तो ऑक्सीजन का प्रवाह शरीर में सही तरीके से नहीं हो पाता। इससे स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है जिसे एनीमिया कहा जाता है।
एनीमिया की स्थिति कब होती है?
एनीमिया तब होता है जब खून में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है। यह समस्या महिलाओं में खासतौर पर ज्यादा देखी जाती है। इसकी वजह आमतौर पर आयरन, विटामिन बी12, फोलिक एसिड और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है। प्रेग्नेंसी, पीरियड्स और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों की वजह से महिलाएं एनीमिया का शिकार हो सकती हैं।
एनीमिया के लक्षण
यदि किसी महिला को एनीमिया हो जाता है, तो उसके शरीर में कई लक्षण नजर आने लगते हैं। इनमें अत्यधिक थकान, कमजोरी, चक्कर आना, सांस फूलना, सिरदर्द, त्वचा का पीला पड़ना और दिल की धड़कन तेज होना शामिल हैं। अगर समय पर इसका उपचार न किया जाए, तो यह गंभीर समस्या बन सकती है। प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए एनीमिया का होता जाना गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है।
हीमोग्लोबिन की कमी को कैसे दूर करें?
हीमोग्लोबिन की कमी को दूर करने के लिए महिलाओं को अपनी डाइट में सुधार करना चाहिए। आयरन से भरपूर फूड्स जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, दालें, ताज़ा फल, चिकन और मीट का सेवन करना चाहिए। संतरे, एवोकाडो और साबुत अनाज भी महत्वपूर्ण हैं। अंडा और दूध पीने से भी हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य बना रहता है। आयरन के बेहतर अवशोषण के लिए विटामिन C वाले फूड्स जैसे संतरा, टमाटर और नींबू का सेवन करें।
डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी
अगर किसी महिला में आयरन की कमी गंभीर हो जाए तो उसे डॉक्टर से सलाह लेकर आयरन सप्लीमेंट्स लेने चाहिए। सप्लीमेंट्स जल्दी ही आयरन की कमी को दूर करने में मदद कर सकते हैं। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और नियमित रूप से हीमोग्लोबिन के स्तर की जांच करानी चाहिए। स्वस्थ जीवनशैली और सही खानपान अपनाकर एनीमिया से बचा जा सकता है।