MP News: मुरैना में 17 वर्षीय किशोर ने किया आत्महत्या, जानिए क्या है इस मोबाइल गेम का मामला

By
On:
Follow Us

मध्य प्रदेश: एक 17 साल का युवक जो हमेशा मोबाइल गेम्स में लिप्त रहता था, ने आत्महत्या कर ली। यह घटना मध्य प्रदेश के मुरैना जिले की है, जहां रहने वाले आदित्य माहौर नामक किशोर ने अपनी बिल्डिंग की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी।

आदित्य की मां ने बताया कि वह हमेशा मोबाइल पर “Free Fire” गेम खेलता था। इससे पहले, उसने अपनी मां से एक अजीब सवाल किया था जहाँ उसने पूछा था कि “छत से गिरने पर कितनी चोट लगती है?” यह पूछे जाने पर मां ने इसकी गंभीरता को नहीं समझा और उसे डांट दिया। अगले दिन, उसने अचानक अपनी जान ले ली।

माँ से किया था ये सवाल फिर किया ऐसा काम

सोमवार को रात के खाने के दौरान, उसका यह सवाल उसके माता-पिता के लिए किसी चेतावनी से कम नहीं था। आदित्य का सवाल सुनकर मां ने उसे कहा कि वह बेतुकी बातें न करे और अब वह बड़ा हो गया है। हालाँकि, उसकी मां को नहीं पता था कि यह सवाल उसके मन में आत्महत्या का विचार जगा रहा था।

बुधवार की सुबह पड़ोसियों ने आदित्य के परिवार को बताया कि उनका बेटा नीचे गिरा पड़ा है। उसके माता-पिता ने तुरंत उसे मुरैना जिला अस्पताल पहुंचाया। लेकिन उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे ग्वालियर के अस्पताल में रेफर किया गया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार, आदित्य बेंगलुरु में एक मिठाई की दुकान पर काम करता था। उसके पिता भी वहीं काम करते थे। आदित्य के माता-पिता इस घटना से बेहद परेशान हैं और इसे समझ नहीं पा रहे। आदित्य ने 27 अगस्त को मुरैना में अपने घर पर आना शुरू किया था, लेकिन वह हमेशा अपने मोबाइल में डूबा रहता था।

आदित्य की मां ने कहा कि उसने उसे अक्सर सलाह दी थी कि वह बाहर जाए और गेम खेलने के बजाय कुछ और करे, लेकिन वह कभी उनकी बात नहीं सुनता था। मंगलवार की सुबह आदित्य अपनी मां के पास लेटकर गेम खेल रहा था। सुबह 4:00 बजे, जब उसे नींद नहीं आई, तो वह छत पर चला गया और वहां से छलांग लगा दी।

पुलिस ने प्रारंभिक जांच शुरू की

इस घटना के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने इस मामले में मृग कायम कर जांच शुरू कर दी है। यह घटना एक चेतावनी है कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन गेम्स के ज्यादा सेवन से किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

आदित्य की दुखद कहानी हमें यह याद दिलाती है कि माता-पिता को अपने बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना और किसी भी संदिग्ध संकेतों का सही समय पर पता लगाना जरूरी है। इस घटना ने परिवार और समाज को गहरे से प्रभावित किया है और यह गंभीरता से सोचने का विषय बना है कि कैसे हमें किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल करनी चाहिए।

For Feedback - bbadages@gmail.com
Join Our WhatsApp Channel